'जनता को ममता से निर्ममता मिली, राम कार्ड दिखाकर TMC को अलविदा कहेंगे लोग': PM मोदी 

हल्दिया (पश्चिम बंगाल)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ममता बनर्जी सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाए कि इसने ‘राजनीति का अपराधीकरण किया, भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया और पुलिस का राजनीतिकरण कर दिया।’ उन्होंने कहा कि लोग उनसे ‘ममता’ दिखाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें ‘निर्ममता’ मिली। हल्दिया की रैली में मोदी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए उस पर ‘भ्रष्टाचार एवं कुशासन’’ के आरोप लगाए और कहा कि सत्तारूढ़ दल ने पिछले दस सालों में ‘कई बेइमानियां’ कीं और समय आ गया है कि विधानसभा चुनावों में उन्हें ‘राम कार्ड’ दिखाया जाए। मोदी ने लोगों को चेताया कि टीएमसी, कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच ‘मैच फिक्स’ है। केवल बीजेपी की सरकार ही राज्य को ‘कुशासन’ से मुक्त कर सकती है और उनके जीवन में ‘वास्तविक बदलाव’ ला सकती है जैसा कि त्रिपुरा के लोग महसूस कर रहे हैं।

'टीएमसी सरकार वामपंथी मोर्चा के कुशासन का पुनर्जन्म'
आयुष्मान भारत और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने के लिए मोदी ने राज्य सरकार की आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में इस तरह की योजनाओं को लागू करने का निर्णय किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘बंगाल ममता बनर्जी से ममता की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उसे पिछले दस सालों में निर्ममता मिली... टीएमसी सरकार राज्य में वामपंथी मोर्चा के कुशासन का महज पुनर्जन्म है।’

'मातृभूमि की जयकारे सुन गुस्‍सा हो जाती हैं ममता'
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब ममता बनर्जी मातृभूमि की जयकार के नारे सुनती हैं तो गुस्सा हो जाती हैं। जब आप अपने अधिकार मांगते हैं तो वह गुस्सा हो जाती हैं। जब देश की छवि खराब करने के षड्यंत्र रचे जाते हैं तो वह चुप रहती हैं।’ मोदी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ के नारे लगने के कारण बनर्जी के भाषण देने से इनकार करने की ओर इशारा कर रहे थे।

'षड्यंत्रकारियों पर कुछ नहीं बोलतीं दीदी'
मोदी ने कहा, ‘कुछ षड्यंत्रकारी चाय और योग से जुड़ी भारत की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। दीदी ने क्या इन षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कुछ भी बोला? देश इस षड्यंत्र के खिलाफ पूरे ताकत से जवाब देगा।’ प्रधानमंत्री संभवत: स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के विवादास्पद ‘टूलकिट’ का जिक्र कर रहे थे, जिसे उन्होंने ट्वीट करने के बाद हटा लिया था। इसमें किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों की खातिर योजनाएं बताई गई थीं।

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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